Himanshu Kumar

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लेखनी प्रतियोगिता -03-Nov-2021

ये आज ही की रात की है बात 

कोई मुसाफिर , लौट रहा था अकेले 
कोई नहीं था उसके साथ 

दिवाली का वक़्त है ये ,
लौट रहा परदेश से पैसे कमा कर वो

एक जगह थी सुनसान 
लुट लिए लुटेरे उसके सारे माल (पैसे )

कोशिश की उसने बेशुमार 
पर बचा ना पाया पैसे और जवारत (बीवी के लिए लाया था)

छिना छपती में कही गिर गया उसका फ़ोन 
लुटेरे लुट कर मार दिए ,
क्योंकि उन्हें रोकेगा कौन |

अगली सुबह ,किसी नदी के पड़ी मिली उसकी लाश 
जिसने पहली नज़र देखा उसके तो उड़ ही गये होश 

ये घटना उस गावं में हुयी थी पहली बार 
उस इंसान के इंतज़ार में होगा अब भी उसका परिवार 

खबर फैली, पुलिश आई, मीडिया आई 
और आये बहुत से लोग 
सब फोटो और रील्स बना रहे थे 
किसी को नहीं था उसके जान जाने का शोक 


ये कोई फिल्म नहीं है जो अपराधी मिल जायेगा ये जिंदगी है यहाँ अगर मिल भी गया तो कुछ पैसे देके वो आजाद घूमता है 

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